उत्तर प्रदेश में दंगों के बिना कोई त्योहार नहीं होता था, पिछले 4 सालों में प्रदेश में व्यापक परिवर्तन; विश्व के स्तर पर दिख रही भारतीय संस्कृति: CM योगी
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने वाराणसी में रविवार (5 सितंबर 2021) को शिक्षक दिवस के मौके पर ‘प्रबुद्ध सम्मेलन’ को संबोधित किया। उन्होंने काशी को लेकर कहा कि यहाँ देश में वर्ष 1947 से सरकारें आ रही हैं और जा रही हैं, लेकिन सभी एक सीमित सोच लेकर आईं। किसी ने भी काशी की महत्ता को समझने की कोशिश नहीं की ।
सीएम योगी विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि एक सरकार ऐसी भी आई थी, जिसने सोमनाथ मंदिर के कार्यों का विरोध किया था और एक य़े सरकार है जो कि राम मंदिर बनवाने के लिए काम कर रही है। अपने संबोधन के दौरान कुम्भ मेले और उससे पहले आयोजित किए गए प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का जिक्र किया। सीएम ने कहा, “प्रधानमंत्री ने मुझे बुलाया और पूछा कि प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन दिल्ली के बजाय काशी में हो सकता है। मैंने कहा कि बिल्कुल हो सकता है तो पीएम ने मुझे इस संबंध में विदेश मंत्रालय से बात करने को कहा। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को लगता था कि वाराणसी में होटल नहीं होने के कारण प्रवासी लोग कहाँ रुकेंगे तो हमने कहा कि वो धर्मशाला में रुकेंगे। इसके बाद हमने काशी में ‘टेंट सिटी’ तैयार कर दी और ये काशी का महत्व है कि जिसे होटलों में रुकवाया था वो भी होटल छोड़कर हमारे साथ टेंट में आ गए थे।”
प्रबुद्ध सम्मेलन, वाराणसी… https://t.co/cmayWKVCCu
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 5, 2021
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “पहले की सरकारें छोटे एजेंडे के साथ आती थीं, इसे वाराणसी (काशी) ने महसूस किया होगा। काशी एक नया उदाहरण जन्म से अंतिम यात्रा तक बनी है। यही विकास पूरे उत्तर प्रदेश के विकास का आधार था।”
उत्तर प्रदेश ने कुम्भ औऱ प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन कर पीएम के विजन को सार्थक किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के बाद भारतीयता को मानने वाले लोगों के मनोबल पर ठेस पहुँचाने की कोशिश की गई। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय आस्था और संस्कृति की आत्मा की पहचान वाले देश के स्थानों को वैश्विक स्तर पर दिखाया गया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि काशी से राधा और कृष्ण का घनिष्ट सम्बंध है। इनके निर्माण में सभी का योगदान अविस्मरणीय बीएचयू परिवार मानता है। काशी को जानने व देखने की उत्सुकता सदा से बनी रही है। सनातन धर्म का केंद्र काशी प्राचीन काल से रहा है। लोग इसके भौतिक स्वरूप नहीं देख पाते थे। पिछले सात वर्षों से काशी अपने नए कलेवर के रूप में पुरातन कलेवर का स्वरूप बनती जा रही है।
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को लेकर मुख्यमंत्री य़ोगी आदित्यनाथ ने कहा कि महात्मा गाँधी ने सन्1916 में काशी की गंदगी को विश्व के सामने रखा था, लेकिन आज काशी नए रुप में प्रस्तुत है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यूपी मे दंगों के बिना कोई त्योहार नहीं होता था, चार सालों में उत्तर प्रदेश में व्यापक परिवर्तन दिखाई पड़ रहा है। सभी ने अपने क्षेत्र में कार्य किया। यूपी के बारे में जो गलत धारणाएं थीं वे चार सालों में सही हुई हैं।