मुनाफे के लिए कर रहे लोगों की जान से खिलवाड़!
कुछ दिन पहले वाराणसी में चौंकाने वाली वारदात सामने आई थी जहां एसटीएफ और ड्रग विभाग ने नकली कोविशिल्ड और जायकोव् डी वैक्सीन के साथ नकली कोविड-19 टेस्टिंग किट पकड़ी जिसकी कीमत लगभग चार करोड़ बताई जा रही है ऐसी खबरें हमें अलर्ट भी करती है और थोड़ा चौंकाती भी है जिससे हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है ।
इस मामले में निजी अस्पतालों की भूमिका भी काफी संदिग्ध होती है और उन्हीं की मिलीभगत से ही आपूर्ति भी होती है इस मामले की जांच अगर पूरी तरह से हुई तो निजी अस्पतालों की घातक भूमिका भी सामने आ सकती है क्योंकि वैक्सीन उन्होंने सरकारी संस्था से लेने की वजह नकली दवा के कारोबारियों से मिलीभगत करके लोगों की जान से खेल रहे हैं । खुले बाजार में वैक्सीन खरीदने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ दिशा निर्देश दिए थे जिसके तहत प्राइवेट अस्पतालों को कंपनियों से ही व्यक्ति खरीदनी थी परंतु कोरोना काल में किस तरह से अपराधियों ने लोगों की जान से खिलवाड़ किया इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दूसरी लहर के दौरान कई बार नकली रेमडीसीवीर जैसी दवा भी बरामद की जा चुकी थी।
एक और जहां सरकारी अस्पतालों केंद्रों में लोगों को कोरोनावायरस के लिए मुफ्त वैक्सीन लगवाई जा रही है वहीं दूसरी और कुछ प्राइवेट अस्पताल नकली वैक्सीन लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं और सिर्फ वाराणसी ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के लिए भी यही वैक्सीन आपूर्ति की जा रही है फिलहाल एसटीएफ और ड्रग विभाग की सतर्कता से नकली वैक्सीन की इस खेप को पकड़ लिया गया है ऐसे में दोनों की सतर्कता जनता की सुरक्षा के लिहाज से सराहनीय साबित हो चुकी है,
सावधान रहें सतर्क रहें!