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प्रयागराज व पटना में छात्रों पर हुए अत्याचार से बौखलाए छात्र बोले :नो मोर रिपब्लिक

आरआरबी एनटीपीसी के विरोध में बौखलाए छात्रों का प्रयागराज और पटना स्टेशन पर किए गए बवाल के बाद बघाड़ा के एक लॉज में पुलिस कर्मियों द्वारा घुसकर छात्रों को बर्बरता पूर्वक मारने व उनके कमरों से उन्हें घसीट कर बाहर निकालने व मारने की घटना के बाद छात्रों में आक्रोश व्याप्त है जिससे भारत के अलग-अलग हिस्सों से छात्रों के लिए न्याय की मांग उठ रही है।

प्रयागराज

हंगामा क्यों है बरपा:

कुछ दिनों पहले ही आरआरबी एनटीपीसी (नॉन टेक्निकल ग्रुप) और ग्रुप डी का cbt-1 में रिजल्ट घोषित किया गया था जिसमें 20% छात्रों के लिए 20% पद होने चाहिए थे जबकि यहां पर 20% पद के लिए 5% छात्रों को ही योग्य घोषित किया गया मतलब यह आंकड़ा 10 पदों के लिए 10 उम्मीदवार की जगह 10 पदों के लिए 1 उम्मीदवार यानी एक पद के लिए 10 उम्मीदवार की जगह 10 पदों के लिए 1 उम्मीदवार को योग्य घोषित किया गया था जिसको लेकर छात्रों में देशव्यापी रेल रोको आंदोलन चलाया गया था इसके बाद ही पटना व प्रयागराज के रेलवे जंक्शन पर रेलवे जवानों द्वारा छात्रों की जमकर पिटाई व उन पर लाठी चार्ज करके उन्हें भगाया गया था अब उसके बाद एक दूसरा वीडियो लॉज में व बघाड़ा की गलियों में और विश्वविद्यालय के आसपास अन्य गलियों में दौड़ा-दौड़ा कर मारने के बाद सामने आया है जिसको लेकर पक्ष और विपक्ष में घोर निंदा चल रही है।

पटना

जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव के ठीक पहले रेलवे ने एनटीपीसी के लिए 35 लाख पदों तथा ग्रुप डी के लिए 103000 आवेदन मांगे थे जिसके बाद सरकार बन गई मगर परीक्षा नहीं हुई परीक्षा छात्रों के प्रदर्शन के बाद 2021 में आयोजित की गई व 2022 में रिजल्ट घोषित कर दिया गया , छात्रों का यह भी कहना है कि इसमें 1 छात्रों को 5 पदों के लिए पांच जगह गिना गया जिससे सीटों की संख्या ज्यादा और उम्मीदवारों की संख्या कम हो गई

देशव्यापी बवाल के बाद रेलवे बोर्ड ने एक जांच के लिए कमेटी को बनाया गया है जिसमें छात्रों की मांग व रिजल्ट हुआ रोल नंबर की अनियमितता की जांच की गई है जिसमें रोल नंबर को 20 लाख तक बदलाव करने का और इसमें अन्य बिंदुओं पर विचार करने का निर्णय लिया गया है ।

इसमें सीबीटी 2 को स्थगित करने व कमेटी को 4 मार्च 2022 तक पूरी रिपोर्ट सौंपने का निर्णय लिया गया है छात्रों को भी अपनी चिंताओं व समस्याओं का समाधान के लिए अपने विचार सौंपने के लिए कहा गया है तथा जब तक cbt-1 का रिजल्ट नहीं आ जाता है तब तक परीक्षार्थियों को अन्य भर्तियों पर रोक रहेगी तथा cbt-1 में अभ्यर्थियों को उनकी योग्यता तथा पद के अनुसार शॉर्टलिस्ट करने के बाद ही cbt-2 की उपयोगिता मानी जाएगी। ।

Annie Sharma

Writer, Social blogger, data analyst (worked under NGO related to niti aayog for 3years &self ) She is Content Writer in entertainment, Tech & Gadgets, sport and politics.

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