चीन की दादागिरी अब नहीं चलेगी!
चीन के खिलाफ तैयार किए गए क्वाड देशों के समूह के विदेश मंत्री इंडो पेसिफिक रीजन को हर तरह के दबाव से मुक्त रखने में सहमत है उन्होंने आपसी सहयोग बढ़ाने का फैसला लिया है भारत अमेरिका जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों ने क्षेत्र में किसी की दादागिरी ना चलने देने का ऐलान किया और उससे मिलकर निपटने का फैसला किया है इन नेताओं ने आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने और सीमा पार आतंकवाद फैलाने वाले देशों की निंदा की साथ ही अफगानिस्तान की धरती के किसी देश को धमकाने यह हमला करने के लिए इस्तेमाल ना होने की जरूरत भी बताई है।
संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में विदेश मंत्री जयशंकर ने इंडो पेसिफिक रीजन में बिना बाधा के आवागमन शांति स्थिरता और आर्थिक रूप से संपन्नता बने रहने की जरूरत बताई आगे उन्होंने कहा कि प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के रूप में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हुए हम अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करें क्षेत्र को हर तरह की दादागिरी से मुक्त बनाएं उनके मुताबिक समुंद्र के अंतरराष्ट्रीय मार्ग में किसी तरह की रुकावट पैदा ना होने दें गौरतलब है कि चीन ने हिंद प्रशांत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दक्षिण चीन सागर के मध्य कई स्थानों पर दीप बनाकर वहां अपनी सेना तैनात कर दी है ।
क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक के फैसले पर प्रतिक्रिया में चीन ने कहा है कि या उसके खिलाफ तैयार किया गया देशों का समूह है कोट चित्रों में टकराव की स्थिति या बनाने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है यह अंतर राष्ट्रीय एकता और सहयोग की भावना को नकारने का प्रयास है यह पहल शीत युद्ध काल को पुनर्जीवित करने का प्रयास है जिसे चीन सख्ती से नकारता है।