भारत के इतिहास में पहली बार एक साथ सबसे ज्यादा लोगों को दी जाएगी फांसी !
अहमदाबाद ब्लास्ट के मामले में जुलाई 2008 में सीरियल बम ब्लास्ट के दोषियों को दोषी पाए जाने के बाद स्पेशल कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया विशेष अदालत ने धमाकों के 49 गुनहगारों को सजा सुनाई 38 के लिए सजा-ए-मौत मुकर्रर की गई है 11th उम्र कैद में रहेंगे फैसला ऐतिहासिक व्यक्ति देश के इतिहास में एक साथ 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई जाएगी इससे पहले केवल राजीव गांधी हत्याकांड ही था जिसमें एक साथ 26 लोगों को सजा सुनाई गई थी कोर्ट में मारे गए लोगों के परिजनों को ₹100000 मुआवजा देने के निर्देश भी दिए हैं जिसमें से घायल लोगों को 50-50 हजार व मामूली घायल को 25-25000 मुआवजा देने को कहा गया है।
इस मामले में 13 साल से ज्यादा का समय से सुनवाई चल रही थी 8 फरवरी को स्पेशल कोर्ट ने 49 आरोपियों को दोषी करार दिया जबकि 28 आरोपियों को बरी कर दिया था इसमें 77 लोग आरोपी बनाए गए थे जबकि एक आरोपी बाद में सरकारी गवाह बन गया था इस दौरान 1165 गवाहों के बयान दर्ज हुए पुलिस और कानूनी एजेंसियों ने सात हजार से ज्यादा सबूत पेश किए हैं अभी भी 8 की तलाश जारी है सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड यासीन भटकल दिल्ली की जेल में जबकि अब्दुल सुभान की कोचिं की जेल में बंद है
26 जुलाई 2008 को 70 मिनट के दौरान 21 बम धमाकों ने अहमदाबाद केरु को हिला कर रख दिया था शहर भर में हुए धमाकों में 56 लोगों की जान गई थी जबकि 200 लोग घायल हुए थे अहमदाबाद में 20 पर f.i.r. दर्ज हुई थी जिसमें से जबकि सूरत में अन्य 15 एफ आई आर दर्ज की गई थी पुलिस को सूरत के विभिन्न स्थानों से जिंदा बम भी बरामद मिले थे विस्फोट से कुछ मिनट पहले टीवी चैनल और मीडिया को एक मिला था जिसमें कथित तौर पर इंडियन मुजाहिद्दीन ने धमाकों की चेतावनी दी थी आतंकियों ने 2002 में गोधरा कांड के बाद के दंगों के जवाब में धमाके किए थे एक अन्य आरोपी यासीन भटकल पर नए सिरे से केस की तैयारी है ।